अमृत योजना-2 में देरी पर सीएम भजनलाल चिंतित,WAPCOS कंपनी और जिम्मेदारों पर गिरेगी गाज!
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan2350963

अमृत योजना-2 में देरी पर सीएम भजनलाल चिंतित,WAPCOS कंपनी और जिम्मेदारों पर गिरेगी गाज!

Rajasthan News: PHED में अमृत-2 के अरमान टिप्पणी में बह रहे है,क्योंकि पिछले 5 महीनों से सिर्फ टिप्पणियों में ही केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजना की DPR चल रही है.

Rajasthan News

Rajasthan News: राजस्थान में अमृत योजना-2 की देरी पर मुख्यमंत्री,PHED मंत्री कन्हैयालाल चौधरी चिंतित है, लेकिन अमृत की DPR बनाने वाली WAPCOS कंपनी और इंजीनियर्स बिल्कुल गंभीर नहीं है.5 महीने की देरी क बाद भी केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना की DPR तक नहीं बन पाई.आखिरकार कैसे अमृत की DPR कैसे फंसी पडी है.

अमृत-2 के अरमान टिप्पणी में बहे
PHED में अमृत-2 के अरमान टिप्पणी में बह रहे है,क्योंकि पिछले 5 महीनों से सिर्फ टिप्पणियों में ही केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजना की DPR चल रही है.हालांकि ये बात अलग है कि टिप्पणियों की फाइले धरातल पर उतरनी थी,जो आज तक नहीं हुआ.सबसे चिंता की बात तो ये है कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी पूरे मामले में बेहर गंभीरी है.

लेकिन इसके बावजूद जलदाय विभाग के जिम्मेदारी इंजीनियर्स और WAPCOS कंपनी गंभीर नहीं है.यहां तक की WAPCOS कंपनी को जलदाय विभाग के सचिव समित शर्मा ने कार्रवाई की चेतावनी दी है.181 यूएलबी की DPR रिपोर्ट 20 जुलाई तक सौंपने निर्देश दिए गए थे,इसके बावजूद अब तक सिर्फ 18-19 DPR ही करेक्ट पाई गई.

चीफ इंजीनियर शहरी राकेश लुहाडिया का कहना है कि WAPCOS ने दावा किया था कि 181 में से 130 DPR को फील्ड दी है ,लेकिन हकीकत में तो 60 डीपीआर ही विभाग के पास पहुंची है,उसमें से करीब 45 DPR लौटा दी है.

इंजीनियर्स-कंपनी के अपने अपने तर्क
रूडसिको के साथ संयुक्त मीटिंग में चीफ इंजीनियर शहरी राकेश लुहाडिया और WAPCOS ने अपने अपने तर्क रखे.जिमसें टिपण्ण्यिों का मुद्दा ही छाया रहा.अमृत 2 की मानकों और गाइडलाइन के मुताबिक डीपीआर नहीं बनने के कारण जलदाय विभाग के जिम्मेदार बार बार फाइले लौटा रहे है.जबकि दूसरी तरफ WAPCOS कंपनी सही डीपीआर बनाने का दावा कर रहा.लेकिन फिर भी महीनों बीत गए,पर धरातल पर कोई काम शुरू नहीं हो पाया.

क्या मंत्री-सचिव लेंगे एक्शन?
अब ऐसे में सवाल ये है कि क्या मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की गंभीरता के बाद क्या अब जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी और सचिव समित शर्मा WAPCOS कंपनी और जिम्मेदार इंजीनियर्स पर कार्रवाई करेंगे?आखिर WAPCOS और पीएचईडी के बीच कब तक डीपीआर उलझी रहेगी?आखिरकार कब तक जनता को पेयजल से राहत मिल पाएगी?

यह भी पढ़ें:राजस्थान का ये जिला कश्मीर को करता है फेल, मानसून में जरूर बनाएं ट्रिप

Trending news